रोहिणी स्थित फॉरेंसिंक साइंस लैब के साइकोलॉजी विभाग के प्रमुख पी पुरी ने बताया कि नार्को टेस्ट से पहले पॉलीग्राफ कराना जरूरी होता है। इससे आरोपी की शारीरिक और मानसिक मनोस्थिति की जानकारी हो जाती है।
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