विशेषज्ञों के अनुसार, मौसमी फ्लू और कोरोना के मामलों की संख्या में बहुत अधिक अंतर नहीं है। हालांकि, देश में कोरोना के नए स्वरूप पर निगरानी रखी जानी चाहिए, ताकि समय रहते उसका पता लगाया जा सके।
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