अधिकारियों ने शनिवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह गिरोह चीनी नागरिकों के इशारे पर संचालित होता था और जबरन वसूली का पैसा हवाला और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए चीन में भेजा जा रहा था।
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