विशेषज्ञों ने कहा कि कोर्ट स्पीकर की संस्था को बचाने के लिए इस मुद्दे पर विस्तृत विचार करना होगा और यह विचार दो जजों की पीठ नहीं कर सकती। इसे संविधान पीठ को भेजना होगा।
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